भारतीय खानों में मुख्य तौर पर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा 6 वसायुक्त फैटी एसिड होता है। यह सिर्फ़ खानेेे के लिए बल्कि त्वचा, जॉइंट, मांसपेशियों और दिल केेे रोगों के इलाज में भी फायदेमंद होता है।
सरसों के तेल में कई ऐसे तत्व होते हैं, जो दर्द नाशक का काम करते हैं। जोड़ों का दर्द हो या फिर कान का दर्द सरसों का तेल एक औषधि की तरह काम करता है। आमतौर पर लोग इसे सिर्फ तेल समझकर ही इस्तेमाल करते है। पर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आयुर्वेदिक में इसे औषधि की श्रेणी में रखा गया है सरसों के तेल के फायदे आपको चौका सकते हैं आइए जानते हैं:
दिल के रोग के लिए : एक रिसर्च के मुताबिक खानेे की चीजों में सरसों के तेल का इस्तेमाल करने से दिल की सेहत बनी रहती है इसमें ए यू एस ए होता जो ब्लड के फैट लेवल और इसके सरकुलेशन को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है सरसों के तेल में अल्फा लिनोलेनिक एसिडक होता है जो दिल को छोटी-छोटी बीमारियों से बचाता है।
दर्दनाशक:जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल की मालिश करना बहुत फायदेमंद होता है इसके अलावा सरसों के तेल के सेवन करने से अंदरूनी दर्द में भी आराम मिलता है।
भूख बढ़ाने में मददगार:अगर आपको कम भूख लगती है और इसकी वजह से आपका स्वास्थ्य प्रभावित होता है तो सरसों का तेल आपके लिए फायदेमंद रहेगा यह तेल हमारे पेट में ऐपिटाइजर के रूप में काम करता है जिससे भूख बढ़ती है।
अस्थमा में करता है मदद:अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए सरसों का तेल खासतौर पर फायदेमंद होता है सरसों में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है जो अस्थमा के मरीजों के लिए खास तौर पर फायदेमंद रहता है सर्दी हो जाने पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
वजन घटाने में फायदेमंद: सरसों के तेल में मौजूद विटामिन जैसे थियामाइन, फोलेट व नियासिन शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।